Jungle ki Kahaniyan by Munshi Premchand

जंगल की कहानियाँ – आपने सर्प मणि के बारे में ज़रूर सुना होगा लेकिन यह कहानी उससे ज्यादा मज़ेदार लगेगी। एक भालू ने अपने मालिक और कारिंदे की जान बचायी ।

150.00

Guaranteed Safe Checkout

मुंशी प्रेमचंद (1880–1936), जिनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, हिंदी और उर्दू साहित्य के महान लेखक और उपन्यासकार थे। उन्हें “उपन्यास सम्राट” के रूप में सम्मानित किया जाता है। प्रेमचंद की रचनाएँ समाज के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर गहरी टिप्पणी करती थीं और वे भारतीय समाज की जटिलताओं को सरल और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करते थे।प्रेमचंद की प्रमुख कृतियों में गोदान, कर्मभूमि, सेवासदन, निर्मला, ईदगाह और आलीशान मकान जैसी कहानियाँ और उपन्यास शामिल हैं। उनकी लेखनी ने भारतीय समाज की विकृतियों, दीन-हीनता, और किसानों और मजदूरों की कठिनाइयों को उजागर किया। उनके कामों में मानवीय संवेदनाओं, आदर्शों और समाज के दबे-कुचले वर्गों की आवाज़ को उठाया गया।प्रेमचंद का लेखन न केवल अपने समय की सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों का प्रतिबिंब था, बल्कि आज भी वह साहित्य प्रेमियों के बीच अत्यधिक सम्मानित हैं। उनका योगदान भारतीय साहित्य को अत्यधिक समृद्ध करने वाला है।

Dimensions 11.618 × 12 × 1 cm
Publisher

The Kids Books

Language

Hindi

Pages

150

Format

Paperback

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Jungle ki Kahaniyan by Munshi Premchand”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shopping Cart
Jungle ki Kahaniyan by Munshi Premchand
150.00