Dil Mein Tittu Dhadke by Shradha Thawait

पोंचू की मासूम दुनिया, उसकी ज़रूरी और नैसर्गिक जिज्ञासाएँ, उसकी भोली-भाली, चमकीली उत्सुकता, इस सृष्टि के सच और सौंदर्य के बीच उसकी देवदूतों-सी उपस्थिति, धीरे-धीरे पाठकों की अपनी आत्मीय दुनिया बनती चली जाती है।

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पोंचू की मासूम दुनिया, उसकी ज़रूरी और नैसर्गिक जिज्ञासाएँ, उसकी भोली-भाली, चमकीली उत्सुकता, इस सृष्टि के सच और सौंदर्य के बीच उसकी देवदूतों-सी उपस्थिति, धीरे-धीरे पाठकों की अपनी आत्मीय दुनिया बनती चली जाती है। – जयशंकर एक बच्चे की नज़र से देखो तो पेड़-पौधों, कीड़ों-मकोड़ों, फूलों-तितलियों- रंगों का संसार अलग ही तरह से नज़र आएगा। यहाँ चीज़ें धीमी गति से, संवेदनशीलता, भावात्मकता, काल्पनिकता और एक पवितता में घटती हैं। बाहर की आवा-जाही निषिद्ध है पर भीतर आसमान-तारे-नक्षल, चाँद और सूरज जो तिलस्म जो माया रच रहे हैं, उसे एक बच्चा ही समझ सकता है। यह किताब एक बच्चे की आँख से वह सब दिखाता है, जो तुम अभी तक नहीं देख पाये थे।

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