हज़ारों मील का सफ़र शुरू होता है आपके इसी दिमाग़ से। आप जो चाहें वो बन सकते हैं। लेकिन आप बनना क्या चाहते हैं? यहीं तो उलझाव है, आप एक साथ बहुत कुछ बनना चाहते हैं, जिसे देखते हैं वैसा ही बनना चाहते हैं, थोड़ी देर बाद उसे भी भूलकर कुछ और होना चाहते हैं। क्या यह बात ग़लत है? नहीं न! तो, यह किताब जो पहली चीज़ सिखाती है वह यह है कि किसी चीज़ कैसे चाहें। यह चाहने की तरकीबें सिखाती है। इन तरकीबों को अनगिनत सफ़ल लोगों के अनुभवों के वैज्ञानिक विश्लेषण से विकसित किया गया है। और इस सबको इतनी आसान भाषा में समझाया गया है कि कोई भी समझ सकता है। यह सामान्य किताब नहीं, अमीर बनने की कार्यशाला और हमेशा साथ रखने वाली हैंडबुक है।
Sochiye Aur Aamir Baniye by Napoleon hill
हज़ारों मील का सफ़र शुरू होता है आपके इसी दिमाग़ से। आप जो चाहें वो बन सकते हैं। लेकिन आप बनना क्या चाहते हैं? यहीं तो उलझाव है, आप एक साथ बहुत कुछ बनना चाहते हैं, जिसे देखते हैं वैसा ही बनना चाहते हैं, थोड़ी देर बाद उसे भी भूलकर कुछ और होना चाहते हैं।
₹350.00
Dimensions | 7.7 × 12 × 1 cm |
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Publisher | Yuvaan Books |
Language | Hindi |
Pages | 350 |
Format | Paperback |