प्यारे बच्चो! तुमने विजयदशमी का मेला तो देखा ही होगा । कहीं–कहीं इसे रामलीला का मेला भी कहते हैं । इस मेले में तुमने मिट्टी या पीतल के बन्दरों और भालुओं के से चेहरे लगाये आदमी देखे होंगे । राम, लक्ष्मण और सीता को सिंहासन पर बैठे देखा होगा और इनके सिंहासन के सामने कुछ फासले पर कागज और बांसों का बड़ा पुतला देखा होगा । इस पुतले के दस सिर और बीस हाथ देखे होंगे । वह रावण का पुतला है । हजारों बरस हुए, राजा रामचन्द्र ने लंका में जाकर रावण को मारा था । उसी कौमी फतह की यादगार में विजयदशमी का मेला होता है और हर साल रावण का पुतला जलाया जाता है । आज हम तुम्हें उन्हीं राजा रामचन्द्र की जिंदगी के दिलचस्प हालात सुनाते हैं
Ramcharcha by Munshi Premchand
प्यारे बच्चो! तुमने विजयदशमी का मेला तो देखा ही होगा । कहीं–कहीं इसे रामलीला का मेला भी कहते हैं ।
₹249.00
Dimensions | 11.124 × 12 × 1 cm |
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Publisher | Unbound Script |
Language | Hindi |
Pages | 249 |
Format | Paperback |
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