प्रज्ञा मिश्रा बालकथा लेखन में अब एक प्रतिष्ठित नाम है। उनका पहला कहानी संग्रह-फुहार-लोक भारती प्रकाशन से प्रकाशित होकर चर्चित हो चुका है। उनकी दूसरी किताब, बोलते-बुलबुले पाँच भागों में बाल कहानियों का महत्त्वाकांक्षी प्रोज़ेक्ट है। आबरा का डाबरा एवं अन्य कहानियाँ बोलते बुलबुले सीरीज़ की चौथी किताब है। प्रज्ञा मिश्रा यों तो वह वाणिज्य की छात्रा रही हैं लेकिन उनकी रुचि अध्यात्म में ज्यादा है। उनके जीवन पर परम् पूज्य श्री माताजी निर्मला देवी द्वारा प्रतिपादित सहज योग ध्यान का गहरा प्रभाव रहा है। सन् 2017 में BRICS-IF और श्री योगी महाजन से जुड़ने के बाद उन्होंने जन सरोकारों पर सोचना शुरू किया।
Aabra ka dabra evam anya kahaniyaan By Pragya Mishra
प्रज्ञा मिश्रा बालकथा लेखन में अब एक प्रतिष्ठित नाम है। उनका पहला कहानी संग्रह-फुहार-लोक भारती प्रकाशन से प्रकाशित होकर चर्चित हो चुका है।
₹199.00
Dimensions | 22.04 × 15 × 1 cm |
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Publisher | Unbound Script |
Language | Hindi |
Pages | 199 |
Format | Paperback |
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