सुभद्रा कुमारी चौहान के काव्य-प्रभाव का पता लगाने का कोई वस्तुनिष्ठ तरीका होता तो पता चलता कि उनकी कविताएँ पढ़कर कितने ही लोग हँसते-हँसते जेल चले गए। लेकिन उनकी कहानियाँ उपेक्षित रह गयीं। उनकी कहानियों में ज़रूरी सामाजिक मसलों को जिस तरह उठाया गया है उसे देखने पर उनका मुकम्मल व्यक्तित्व उभरता है। यहाँ उनकी कुछ बेहतरीन कहानियाँ संकलित हैं। आशा है आपको पसंद आएँगे।
sadabahar kahaniya subhadra kumari chauh by Subhadra Kumari Chauhan
sadabahar kahaniya subhadra kumari chauh by Subhadra Kumari Chauhan
सुभद्रा कुमारी चौहान के काव्य-प्रभाव का पता लगाने का कोई वस्तुनिष्ठ तरीका होता तो पता चलता कि उनकी कविताएँ पढ़कर कितने ही लोग हँसते-हँसते जेल चले गए। लेकिन उनकी कहानियाँ उपेक्षित रह गयीं।
₹125.00
Dimensions | 18.07 × 12 × 1 cm |
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Publisher | Yuvaan Books |
Language | Hindi |
Pages | 125 |
Format | Paperback |