मुंशी प्रेमचंद की बाल कहानियाँ झूरी के दोनों बैल- हीरा और मोती, बड़े मेहनती, आज़ाद ख़याल और स्वाभिमानी थे। गया गुल्ली-डंडा के खेल में तब तक हारता है जब तक खेलता नहीं। खेलने लगता है तो लोग दाँतों तले ऊँगली दबा लेते हैं। राजा का हाथी पागल नहीं था, उसे प्रेम, सम्मान और आज़ादी चाहिए। कल्लू कुत्ता तो कमाल है। ईदगाह का हामिद अपने चिमटे के साथ कहानियों का अमर किरदार है। मिट्टू एक बन्दर का नाम है, जो अपनी बुद्धिमत्ता से सबका दिल जीत लेता है।
Munshi Premchand ki Baal Kahaniyan by Munshi Premchand
Munshi Premchand ki Baal Kahaniyan by Munshi Premchand
मुंशी प्रेमचंद की बाल कहानियाँ झूरी के दोनों बैल- हीरा और मोती, बड़े मेहनती, आज़ाद ख़याल और स्वाभिमानी थे। गया गुल्ली-डंडा के खेल में तब तक हारता है जब तक खेलता नहीं।
₹150.00
Dimensions | 16.064 × 12 × 1 cm |
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Publisher | The Kids Books |
Language | Hindi |
Pages | 150 |
Format | Paperback |
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